टाइप 2 डायबिटीज : कारण, लक्षण Type 2 Diabetes in Hindi
Type 2 Diabetes:इंसुलिन के कारण ग्लूकोज ब्लड के माध्यम से पुरे शरीर में जाता है और उर्जा का संचार होता है। यह बिना इन्सुलिन के नहीं हो सकता है।
इंसुलिन के कारण ग्लूकोज ब्लड के माध्यम से पुरे शरीर में जाता है और उर्जा का संचार होता है। यह बिना इन्सुलिन के नहीं हो सकता है। वहीं जब पैंक्रियाज से उचित मात्रा में एक्टिव इंसुलिन न निकले तो इसकी वजह से ब्लड में ग्लुगोज का लेवल बढ़ने लगता है और फिर इसी स्थिति को मधुमेह, डायबिटीज या शुगर कहा जाता है।टाइप 2 मधुमेह तब विकसित होता है जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या उस पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया नहीं करता है। आपको ऊर्जा देने के लिए अपने भोजन में ग्लूकोज को संसाधित करने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता होती है।
लक्षणों में थकान महसूस होना, भूख या प्यास लगना और अधिक पेशाब आना शामिल है।टाइप 2 मधुमेह, मधुमेह का सबसे आम प्रकार, एक ऐसी बीमारी है जो तब होती है जब आपका रक्त ग्लूकोज, जिसे रक्त शर्करा भी कहा जाता है, बहुत अधिक होता है। रक्त ग्लूकोज आपकी ऊर्जा का मुख्य स्रोत है और मुख्य रूप से आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से आता है।
टाइप 1 मधुमेह की शुरुआत अचानक होती है। यदि किसी व्यक्ति में लक्षण हों तो उसे जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इसके विपरीत, टाइप 2 मधुमेह के शुरुआती चरण में कोई व्यक्ति कोई लक्षण नहीं दिखा सकता है। हालाँकि, इस स्तर पर एक नियमित रक्त परीक्षण ऊंचा रक्त शर्करा स्तर दिखाएगा।मुख्य अंतर टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह के बीच यह माना जाता है कि टाइप 1 एक ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया के कारण होता है और जीवन में जल्दी विकसित होता है। टाइप 2 मधुमेह कई वर्षों के दौरान विकसित होता है से संबंधित है जीवनशैली के कारक जैसे निष्क्रिय रहना और अधिक वजन उठाना। इसका निदान आमतौर पर वयस्कों में होता है।
टाइप 2 मधुमेह में, आपका शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या इंसुलिन का अच्छी तरह से उपयोग नहीं करता है । तब बहुत अधिक ग्लूकोज आपके रक्त में रह जाता है, और आपकी कोशिकाओं तक पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता है। अच्छी खबर यह है कि आप टाइप 2 मधुमेह के विकास को रोकने या विलंबित करने के लिए कदम उठा सकते हैं।मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे मधुमेह टाइप 1 या 2 है?"हम एक रक्त परीक्षण कर सकते हैं जो एंटीबॉडी की तलाश करता है । यह हमें बताता है कि यह टाइप 1 या 2 है।" टाइप 1 मधुमेह में, प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी बनाती है जो अग्न्याशय में इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं के खिलाफ कार्य करती है, और इन एंटीबॉडी का रक्त परीक्षण में पता लगाया जा सकता है।
इंसुलिन के कारण ग्लूकोज ब्लड के माध्यम से पुरे शरीर में जाता है और उर्जा का संचार होता है। यह बिना इन्सुलिन के नहीं हो सकता है। वहीं जब पैंक्रियाज से उचित मात्रा में एक्टिव इंसुलिन न निकले तो इसकी वजह से ब्लड में ग्लुगोज का लेवल बढ़ने लगता है और फिर इसी स्थिति को मधुमेह, डायबिटीज या शुगर कहा जाता है।
How to Control Type 2 Diabetes: मधुमेह आज एक आम बीमारी बनकर हमारे सामने उभरी है. बदलती जीवनशैली और खानपान के तरीकों की वजह से डायबिटीज के मरीजों की तादात काफी बढ़ चुकी है. पहले ये बीमारी बुजुर्गों की बीमारी के रूप में जानी जाती थी लेकिन अब 50 वर्ष से कम उम्र के लोग भी इससे पीड़ित होने लगे हैं. मधुमेह दो प्रकार की होता है जिसमें टाइप 1- मधुमेह और टाइफ -2 मधुमेह शामिल है. ज्यादातर लोग टाइप 2 मधुमेह से ग्रसित पाए जाते हैं.
टाइप 2 डायबिटीज की समस्या हमारी खराब और अनियंत्रित जीवनशैली की वजह से उत्पन्न होती है. वेरीवेलहेल्थ के अनुसार टाइप 2 मधुमेह के कई चरण होते हैं. अक्सर लोग इसके शुरुआती चरण या फिर लक्षण को नजरअंदाज कर देते हैं और यह भविष्य में एक गंभीर समस्या बन जाती है. अगर आप इसके शुरुआती चरणों में ध्यान दें तो इसे बढ़ने से पहले ही रोका जा सकता है!
Weight loss drugs: वजन घटाने के लिए क्या आप भी लेते हैं दवाएं? जान लें इनके नुकसान
1- इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance)
इंसुलिन प्रतिरोध ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने का पहला संकेत हैं. जब आप कुछ खाते हैं तो शरीर में जाते ही वह शर्करा बन जाता है. हमारा पैन्क्रियाज खून में मौजूद शर्करा को अलग करने के लिए इंसुलिन जारी करता है और यह हमारी कोशिकाओं में प्रवेश करता है. जह हमारा शरीर इंसुलिन के लिए प्रतिरोधी होता है इससे ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है और हमारा शरीर ब्लड शुगर को स्टोर करने के लिए यकृत और मांसपेशियों को संकेत देता है. इसके बाद यह वसा कोशिकाओं मे भी जमा होने लगती है. इससे शरीर में कई तरह के बदलाव भी होते हैं लेकिन लोग इन्हें नजर अंदाज कर देते हैं.
2: प्री-डायबिटीज (Prediabetes)
आपको प्रीडायबिटीज तब होती है जब आपका ब्लड ग्लूकोज सामान्य सीमा से बाहर तो हो जाता है लेकिन लेकिन इतना अधिक नहीं होता कि इसे डायबिटीज माना जा सके. इसकी सबसे बड़ी वजह है महारी जीवशैनली और खानपान. प्रीडायबिटीज आपके टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक के विकास की संभावना को बढ़ाता है. इंसुलिन प्रतिरोध की तरह आपको प्रीडायबिटीज के कोई लक्षण तब तक नहीं दिखाई दे सकते हैं जब तक कि आप ब्लड टेस्ट न कराएं.
चरण 3: टाइप 2 मधुमेह
टाइप 2 मधुमेह के साथ ब्लड शुगर काफी खतरनाक सीमा में होता है. प्रीडायबिटीज के साथ, रक्त ग्लूकोज प्रति डेसीलीटर रक्त में 100 से 125 मिलीग्राम चीनी के बीच होता है. अगर यह संख्या 126 मिलीग्राम चीनी प्रति डीसीलीटर पहुंच जाए तो यह इस बात का संकेत है कि आप टाइप 2 मधुमेह के शिकार हैं. सामान्य तौर पर टाइप 2 मुधमेह के लक्षण दिखाई नहीं देते.
2 डायबिटीज के मरीजों के लक्षण
टाइप 2 डायबिटीज होने पर शख्स को प्यास अधिक लगती है.
मरीज को कई बार पेशाब लगती है.
आंखों में धुंधला पन छा जाता है.
भूख बढ़ जाती है.
हांथ-पैर सुन्न होने लगते हैं.
सामान्य घाव भी भरने में काफी समय लगता है.
Ebola virus :इबोला वायरस कैसे फेलता है?कारण, लक्षण और उपाय.
4: कई अन्य बीमारियां
टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीजों में चौथे चरण में कई अन्य तरह की बीमारियां भी उत्पन्न होने लगती हैं. जैसे डायबिटिक रेटिनोपैथी, एथेरोस्क्लेरोसिस और डायबिटिक नेफ्रोपैथी आदि. ये स्थितियां तब होती हैं जब ब्लड शुगर का लेवल काफी बढ़ जाता है. टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में लाइफ सर्कल भी कम हो जाता है और इससे गुर्दे की भी समस्या हो जाती है.
मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी में मरीज की आंखों की ब्लड कोशिकाओं में सूजन आ जाती है और फिर धीरे धीरे आंख से तरल पदार्थ बहने लगता है.
कैसे करें नियंत्रित
टाइप 2 डायबिटीज हमारे जीवनशैली की वजह से पनपती है इसलिए इसे रोकने का इलाज भी हमें ही तलाशना होता है. टाइप 2 मधुमेह बढ़ने से रोकने का एक मात्र तरीका अपने ब्लड में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करना. अगर आपने इंसुलिन प्रतिरोध और प्रीडायबिटीज का इलाज किया है तो आप टाइप-2 मधमेह से बच सकते हैं. अपनी दिनचर्चा तो फिक्स करें. संतुलित आहार लें और नियमित रूप से व्यायाम करें. डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आपको गैर या कम वसा युक्त डेरी प्रोडक्ट, प्रोटीन, साबुत अनाज आदि का प्रयोग करना चाहिए.