सुरक्षित यौन संबंधों के लिए महिला गर्भनिरोधक/ Female Contraceptives for Safe Intercourse
सुरक्षित यौन संबंधों के लिए महिला गर्भनिरोधक/ Female Contraceptives for Safe Intercourse
कुछ मौखिक गर्भनिरोधक गोलियाँ त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे मुहांसे और वजन बढ़ने का कारण भी बन सकती हैं।
गर्भनिरोधक गोलियों का दीर्घकालीन उपयोग करने से हड्डी कमजोर हो सकती हैं।
आईयूडी जैसी गर्भनिरोधक डिवाइसेस कभी-कभी अस्थायी रूप से माहवारी चक्र को बाधित कर सकती हैं।
कंडोम का प्रयोग सही तरीके से न करने पर यौन संक्रमण होने का खतरा रहता है। गर्भनिरोधक टीके 3-5 साल तक प्रभावी रहते हैं।
गर्भनिरोधक चुनते समय धूम्रपान जैसी आदतों का भी ध्यान रखना चाहिए।
गर्भावस्था के 6 महीने बाद तक भी स्तनपान कराने वाली माताएँ गर्भनिरोधक गोलियाँ नहीं ले सकती।
एक से अधिक प्रकार के गर्भनिरोधक का उपयोग अधिक सुरक्षा प्रदान करता है।
गर्भनिरोधक चुनते समय अपने साथी की राय भी महत्वपूर्ण होती है।
महिलाओं के गर्भनिरोधक IUD 5-12 साल तक प्रभावी रहते हैं।
कंडोम टूटने पर 72 घंटे के अंदर आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली लें।
फीमेल कंडोम पतले और मजबूत होते हैं।
स्पर्म को मारने वाले स्पर्मिसाइडल कंडोम भी उपलब्ध हैं।
लोअर डोज वाली गर्भनिरोधक गोलियाँ हल्के दुष्प्रभाव वाली होती हैं।
फायदे:
- अनचाहे गर्भधारण से बचाव
- कम लागत वाला जन्म नियंत्रण
- हार्मोनल गोलियाँ माहवारी के दर्द एवं रक्तस्राव कम करती हैं
- IUD जैसे यूटेरस में लगने वाली डिवाइसेस हार्मोन फ्री होती हैं
- स्तन कैंसर का ख़तरा कम हो जाता है
नुक़सान:
- कई बार हार्मोनल डिस्बैलेंस हो सकता है
- माहवारी अनियमित हो सकती है, ऐंठन आ सकती है
- मूड स्विंग्स और वजन बढ़ सकता है
- कंडोम का उपयोग सही ढंग से न होने पर गर्भाधान हो सकता है
- IUD से ऐंठन, संक्रमण का ख़तरा रहता है
गर्भनिरोधक चुनते समय बजट, सुविधा और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखना चाहिए।
इन सभी के फायदे-नुक़सान को समझकर डॉक्टर की सलाह से गर्भनिरोधक चुनना चाहिए।