head transplant surgery:अब सिर को भी बदला जा सकता हैं?सिर के प्रत्यारोपण का पहला प्रयोग यशस्वी!

ऐसा पहली बार होगा जब हेड ट्रांसप्लांट यानी इंसान के पूरे सिर का प्रत्यारोपण किया जाए। जी हां.. वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक एक शव का सिर प्रत्यारोपित करने में सफलता हासिल की है और अब इस प्रयोग को जीवित व्यक्ति पर भी करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

head transplant surgery:अब सिर को भी बदला जा सकता हैं?सिर के प्रत्यारोपण का पहला प्रयोग यशस्वी!
head transplant surgery:अब सिर को भी बदला जा सकता हैं?सिर के प्रत्यारोपण का पहला प्रयोग यशस्वी!

अब तक आपने किडनी ट्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट, नी ट्रांसप्लांट के साथ ही कई और अंगों के ट्रांसप्लांट यानी प्रत्यारोपण की खबरें सुनी होंगी। लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब हेड ट्रांसप्लांट(head transplant surgery) यानी इंसान के पूरे सिर का प्रत्यारोपण किया जाएगा। जी हां.. वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक एक शव का सिर प्रत्यारोपित करने में सफलता हासिल की है और अब इस प्रयोग को जीवित व्यक्ति पर भी करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

इटली के सर्जन सर्गियो कैनवेरो इसीलिए प्रसिद्ध हुए हैं क्योंकि उनका दावा है कि वे दुनिया भर में पहले शख्स बन गए हैं जो इंसान के सिर के प्रत्यारोपण की प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं। सर्गियो का दावा है कि उनके टेस्ट सफल हुए हैं और हेड ट्रांसप्लांट (head transplant surgery)में उनका प्लान काम करेगा। सर्गियो कहते हैं कि शव पर किया गया उनका तथाकथित सफल प्रत्यारोपण इस बात को दिखाता है उनके द्वारा विकसित की गई नई तकनीक की मदद से 2 अलग-अलग शरीर की रीढ़ की हड्डी, तंत्रिकाएं और रक्तवाहिकाओं को सफलतापूर्वक जोड़ा जा सकेगा। साथ ही सर्गियो और उनकी टीम का दावा है कि इस तरह की मुश्किल सर्जरी को उनके द्वारा सेट किए गए 18 घंटे के टार्गेट के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।

अपने पहले हेड ट्रांसप्लांट से संबंधित विवादित दावे के मद्देनजर डॉ सर्गियो कैनवेरो ने प्रसिद्धि के साथ-साथ कुछ बदनामी भी हासिल की है। सर्गियो ने अपने पहले मरीज को भी साइन कर लिया है जो अपने सिर को फ्रोजन रखवाकर बाद में उसे एक दूसरे डोनर के शरीर में फिट करवाने के लिए तैयार हो गया है। इस मरीज का नाम वेलरी स्पिरिडिनोव है जो रूस का रहने वाला है। डॉ सर्गिया का कहना है कि इंसान के शव पर पहला हेड ट्रांसप्लांट किया जा चुका है।

अब एक ब्रेड डेड डोनर पर इस तरह का हेड ट्रांसप्लांट करना अगला कदम होगा।सर्जन सर्गिया ने अपने इन दावों के पक्ष में कोई मजबूत सबूत पेश नहीं किया है और यही वजह है कि पूरी मेडिकल कम्यूनिटी इस तरह की सर्जरी से डरी हुई है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ऐसी सर्जरी कराने वाला पहला मरीज मौत से कहीं बदतर परिस्थिति में फंस सकता है क्योंकि एक नए शरीर में अजस्ट करने में उसे भयंकर रूप से तकलीफों का सामना करना पड़ेगा।

head transplant surgery:अब सिर को भी बदला जा सकता हैं?सिर के प्रत्यारोपण का पहला प्रयोग यशस्वी!

इंटरनेशनल डेस्क. दुनिया में पहली बार मानव सिर प्रत्यारोपित किया गया है। इस सर्जरी को इटली के न्यूरोसर्जन सर्जिओ कैनेवरो और उनकी टीम ने अंजाम दिया है। उन्होंने चीन में एक शव की सर्जरी की, जो 18 घंटे तक चली। डॉक्टर सर्जियो का दावा है कि ऑपरेशन सफल रहा है। इस सर्जरी का सीधा प्रसारण भी हुआ। उन्होंने बताया, 'ऑपरेशन में डॉक्टर्स ने साबित किया कि मानव रीढ़, तंत्रिकाओं और रक्त वाहिकाओं को दोबारा जोड़ना संभव है।' द टेलिग्राफ के मुताबिक डॉक्टर कैनेवरो ने इस परीक्षण की सफलता के दावे का कोई पक्का सबूत नहीं दिया है। उन्होंने ये भरोसा जरूर दिया कि वे कुछ दिन बाद परीक्षण से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध करा देंगे। डॉक्टर सर्जियो अब आगामी दिसंबर में जीवित इंसान का हेड ट्रांसप्लांट करने की तैयारी में लग गए हैं! 

 

अब ब्रेन डेड व्यक्ति पर करेंगे ऑपरेशन 
टूरिन एडवांस्ड न्यूरोमाडुलेशन ग्रुप के निदेशक और इटली के प्रोफेसर कैनेवरो ने बताया कि हार्बिन मेडिकल यूनिवर्सिटी के दर्जनों डॉक्टर्स के दल ने इस प्रक्रिया को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा, अगले चरण में ब्रेन डेड व्यक्ति के दान किए अंगों से ट्रांसप्लांट किया जाएगा। यह हेड ट्रांसप्लांट का अंतिम चरण होगा। उम्मीद है कि ऑपरेशन सफल होगा और इस चिकित्सा पद्धति को मंजूरी मिल सकेगी।

 

बीते साल बंदर का किया था हेड ट्रांसप्लांट 
बीते साल जनवरी में चीन में ही डॉक्टर कैनेवरो की टीम ने बंदर के सिर का सफल ट्रांसप्लांट किया था। उस समय बंदर 20 घंटे तक जीवित रहा था। डॉ कैनेवरो ने तब कहा था, 'मैं मानव हेड ट्रांसप्लांट करना चाहता हूं। ये सफलता बड़ी है। हम पैरालिसिस पर कंट्रोल पाने में सक्षम हो जाएंगे।' 1970 में रॉबर्ट जे व्हाइट ने भी एक बंदर पर परीक्षण किया था। उस समय वो ऑपरेशन सफल नहीं हो सका था। 

 

रूस के कंप्यूटर साइंटिस्ट होंगे पहले मरीज 
डॉक्टर कैनेवरो ने कहा, सभी यही कहते हैं कि हेड ट्रांसप्लांट असंभव है, किंतु यह ऑपरेशन सफल रहा है। जीवित इंसान के रूप में रूस के 31 वर्षीय कंप्यूटर साइंटिस्ट वलेरी स्पिरिडोनोव की हेड ट्रांसप्लांट सर्जरी होगी। वे मांसपेशी क्षतिग्रस्त होने के असाध्य रोग से पीड़ित हैं और उन्होंने खुद पर परीक्षण किए जाने के लिए सहमति दी है। 

 

पैरालिसिस के सफल इलाज की उम्मीद बंधी 
डॉक्टर कैनेवरो द्वारा इस सर्जरी की सफलता के दावे से इंसान के हेड ट्रांसप्लांट के सफल होने की उम्मीदों को और बल मिल गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि परीक्षण सफल रहा तो लकवे के शिकार लोगों के ठीक होने की उम्मीदें बढ़ जाएंगी।