गुर्दे में पत्थर कैसे और क्यों बनते हैं?
किडनी स्टोन को हिंदी में 'गुर्दे की पथरी' कहा जाता है।
किडनी स्टोन को हिंदी में 'गुर्दे की पथरी' कहा जाता है।
गुर्दे की पथरी एक आम समस्या है जिसमें गुर्दे यानि किडनी में छोटे-छोटे क्रिस्टल जमा होने से पथरी जैसे इलाज कड़े जमावट बन जाते हैं। ये पथरियाँ आकार में बहुत छोटी हो सकती हैं, कभी-कभी केवल कुछ मिलीमीटर बड़ी।
परंतु ये पथरियाँ काफ़ी कड़ी और दर्दनाक होती हैं। ये गुर्दे से मूत्र निकासी के रास्ते में रुकावट पैदा करके पेशाब में तकलीफ, पेट में दर्द और उल्टी-दस्त का कारण बन सकती हैं।
किडनी पथरी के कारण:
- शरीर में पानी की कमी
- अत्यधिक नमक, प्रोटीन या ऑक्सलेट का सेवन
- वंशानुगत प्रवृत्ि
- कुछ दवाएं
किडनी पथरी से बचाव के उपाय:
अतिरिक्त रूप से, किडनी पथरी से बचाव और उपचार के लिए निम्न सुझाव दिए जा सकते हैं:
खून में कैल्शियम, ऑक्सलेट और यूरिक एसिड के स्तर को कम करने के लिए डाइट में परिवर्तन महत्वपूर्ण है।
सूजन कम करने वाली दवाएँ जैसे NSAIDs और एल्फा-ब्लॉकर भी लाभकारी हो सकती हैं।
घरेलू उपचारों में गर्म पानी की बोतल पेट पर रखना, सेंधा नमक का सेवन, और काढ़े भी शामिल हैं।
योगासन, ध्यान और स्ट्रेस प्रबंधन जैसे जीवनशैली परिवर्तन भी मददगार हो सकते हैं।
सर्जरी केवल तभी सलाह दी जाती है जब पथरी बहुत बड़ी होती है या दवा से प्रतिक्रिया नहीं करती।
- पर्याप्त पानी पीना
- कम नमक, प्रोटीन और ऑक्सलेट वाला आहार लेना
- सिट्रस फल-सब्जियाँ खाना
- कॉफ़ी और एल्कोहल का सेवन सीमित रखना
इलाज:
- दर्द कम करने की दवाएँ
- जल उत्सर्जन बढ़ाने के लिए दवाएँ
- शोक तरंग उपचार
- सर्जरी (जटिल मामलों में)
आहार और जीवनशैली में परिवर्तन से पुनरावृत्ति कम हो सकती है। समय पर इलाज से जटिलताओं को रोका जा सकता है।
आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।