देश में आने लगे कोरोना के मामले, 257 पॉजिटिव, जानें किस राज्य में कितने एक्टिव केस
देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस (COVID-19) के मामले धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं। बीते कुछ महीनों से संक्रमण की रफ्तार थमी हुई नजर आ रही थी,

देश में आने लगे कोरोना के मामले, 257 पॉजिटिव, जानें किस राज्य में कितने एक्टिव केस
देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस (COVID-19) के मामले धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं। बीते कुछ महीनों से संक्रमण की रफ्तार थमी हुई नजर आ रही थी, लेकिन हालिया रिपोर्ट्स से यह स्पष्ट हो गया है कि खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, पूरे भारत में फिलहाल कुल 257 कोरोना पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से अधिकांश मामले कुछ खास राज्यों में देखने को मिले हैं।
यह स्थिति भले ही पहले जैसी गंभीर नहीं है, लेकिन इसको नजरअंदाज करना भी खतरनाक हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियों का पालन करने की सलाह दे रहे हैं।
कहां से आए ये नए मामले? राज्यवार स्थिति पर नजर
देश के विभिन्न राज्यों से जो मामले सामने आए हैं, उनमें से कुछ राज्यों में एक्टिव केस की संख्या अन्य की तुलना में अधिक है। नीचे राज्यवार आंकड़े दिए गए हैं:
- केरल: 80 एक्टिव केस
- महाराष्ट्र: 45 एक्टिव केस
- दिल्ली: 38 एक्टिव केस
- कर्नाटक: 29 एक्टिव केस
- तेलंगाना: 20 एक्टिव केस
- गुजरात: 15 एक्टिव केस
- पश्चिम बंगाल: 12 एक्टिव केस
- उत्तर प्रदेश: 10 एक्टिव केस
- राजस्थान: 5 एक्टिव केस
- अन्य राज्य: 3-4 केस
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिलहाल कोरोना की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में अधिक चिंताजनक है।
नई लहर या सामान्य वृद्धि? विशेषज्ञ क्या कहते हैं
हालांकि यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगी कि देश में कोरोना की एक नई लहर शुरू हो चुकी है, लेकिन विशेषज्ञ इसे एक "सावधानी की घंटी" मानते हैं। ICMR और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह मामूली वृद्धि हो सकती है, जो बदलते मौसम, त्योहारों और यात्राओं के कारण हो रही है।
डॉ. संजीव कुमार, एक वरिष्ठ वायरोलॉजिस्ट का कहना है,
"अभी डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन लापरवाही की भी कोई जगह नहीं है। हमें वैक्सीनेशन के बाद भी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइज़र के इस्तेमाल को हल्के में नहीं लेना चाहिए।"
वायरस का कौन-सा वेरिएंट फैला रहा है संक्रमण?
हाल के मामलों की जाँच में पता चला है कि इनमें से अधिकांश संक्रमितों में Omicron वेरिएंट के सब-वेरिएंट पाए गए हैं, जैसे कि XBB.1.16 और BA.2.86। ये वेरिएंट पहले के मुकाबले कम खतरनाक माने जा रहे हैं, लेकिन इनमें तेजी से फैलने की क्षमता है। कुछ मरीजों में बुखार, गले में खराश, खांसी और हल्का सिरदर्द जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं।
सरकार की तैयारियाँ: सतर्कता बढ़ाई गई
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है। विशेष रूप से हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर स्क्रीनिंग की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। कुछ राज्यों ने अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर की उपलब्धता की समीक्षा शुरू कर दी है।
इसके अलावा, टीकाकरण अभियान को भी एक बार फिर से सक्रिय किया जा रहा है। जिन लोगों ने अब तक बूस्टर डोज नहीं ली है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन देने के निर्देश दिए गए हैं।

क्या फिर से लग सकता है लॉकडाउन?
फिलहाल किसी भी राज्य या केंद्र सरकार ने लॉकडाउन या कर्फ्यू लगाने की बात नहीं कही है। लेकिन स्थानीय प्रशासन को यह अधिकार दिया गया है कि यदि किसी क्षेत्र में संक्रमण तेजी से फैलता है तो आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
"हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अगर केस बढ़ते हैं तो कंटेनमेंट जोन बनाने या मास्क की अनिवार्यता जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। लेकिन अभी इसकी आवश्यकता नहीं है।"
जनता के लिए सुझाव: क्या करें, क्या न करें
सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को नीचे दिए गए सुझावों का पालन करने की अपील की गई है:
क्या करें:
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें
- हाथों को बार-बार धोएं या सैनिटाइज़ करें
- भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचें
- हल्के लक्षणों पर भी टेस्ट कराएं
- पूरी वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज लें
क्या न करें:
- बिना जरूरी यात्रा न करें
- अफवाहों पर ध्यान न दें
- लक्षणों को नजरअंदाज न करें
- बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें
कोरोना अभी गया नहीं है... सतर्क रहना ही बचाव है
हम सभी ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर की भयावहता देखी है। अस्पतालों में बेड की कमी, ऑक्सीजन की मारामारी और हजारों जानें—ये सब हमारी सामूहिक स्मृति में ताज़ा हैं। ऐसे में जब नए मामले सामने आने लगे हैं, तो हमें फिर से सावधानी बरतनी होगी।
हालांकि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन यही समय है जब हम सतर्क होकर आने वाले खतरे को टाल सकते हैं। महामारी से जुड़ी कोई भी जानकारी छुपाना या लापरवाही बरतना न केवल आपके लिए, बल्कि आपके परिवार और समाज के लिए भी घातक हो सकता है।
निष्कर्ष
कोरोना के नए मामलों ने यह तो साबित कर ही दिया है कि हम इसे पूरी तरह से पीछे नहीं छोड़ सके हैं। यह समय फिर से सतर्क और जिम्मेदार नागरिक बनने का है। सरकार और स्वास्थ्य व्यवस्था अपना काम कर रही है, अब बारी हमारी है कि हम जिम्मेदारी से पेश आएं। मास्क पहनें, दूरी बनाए रखें, और जरूरी हो तो टेस्ट जरूर करवाएं।
यही समझदारी हमें और हमारे देश को सुरक्षित रखेगी।
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