Brain Eating Amoeba:आगया हैं दिमाग को खाने वाला अमीबा ?केरला में हुई १२ की मौत?(brain eating amoeba in hindi)
केरल में 'दिमाग खाने वाला अमीबा' (brain eating amoeba in hindi) केरला में हुई १२ की मौत का मामला सुर्खियों में है। आपको बता दें यह अमीबा लाइलाज माना जाता है।
केरल में 'दिमाग खाने वाला अमीबा' (brain eating amoeba in hindi) केरला में हुई १२ की मौत का मामला सुर्खियों में है। आपको बता दें यह अमीबा लाइलाज माना जाता है। ये मरीज के दिमाग की कोशिकाओं को ही नष्ट कर देता है। ऐसा पहली बार नहीं है जब अमीबा के कारण किसी की मौत हुई है बल्कि इससे पहले भी दुनियाभर में कई लोग अमीबा के कारण अपनी जान गवां चुके हैं। नेगलेरिया फाउलेरी जिसे अमीबा कहा जाता है वह मिट्टी और ताजे पानी जैसे झीलों, नदियों और झरनों में रहता है। जब अमीबा युक्त पानी नाक में जाता है तो यह मस्तिष्क में संक्रमण का कारण बन सकता है। चलिए जानते हैं अमीबा के लक्षण क्या है और इससे अपना बचाव कैसे किया जाए?
क्या है अमीबा?
अमीबा एककोशिकीय जीव है, यह दिखने में बेहद छोटा होता है इसलिए इसे केवल माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है। यह यह बेहद गर्म वातावरण के पानी में पनपते हैं जैसे- जीव नदियों और झरनों के पानी। ऐसे में गर्मियों के मौसम में तालाब या वाटर पार्क में नहाना भारी पड़ सकता है। दरअसल, जब अमीबा का पानी नाक के जरिए आपके शरीर में जाता है तो लोग संक्रमित होते हैं। अमीबा नाक में घुसकर दिमाग के टिश्यू को नष्ट कर देता है। अमीबा को नेगलेरिया फाउलेरी भी कहा जाता है।
क्या होता दिमाग खाने वाला अमीबा (Brain Eating Amoeba)
यह एक सूक्ष्म जीव है जिसे "दिमाग खाने वाला अमीबा" (Brain Eating Amoeba) कहते हैं. यह अमीबा दरअसल एककोशिकीय जीव है, यानी इसके शरीर में सिर्फ़ एक कोशिका होती है. यह अमीबा गर्म ताजे पानी, जैसे गर्म तालाबों या नदियों में पाया जाता है. यह कभी-कभी गंदे स्विमिंग पूल में भी पाया जा सकता है. इसे वैज्ञानिक भाषा में 'नेगलेरिया फाउलेरी 'कहा जाता है.
कैसे करता है दिमाग पर हमला?
अगर आप दूषित पानी में तैरते हैं या फिर गंदे नदी , तलाब या स्विमिंग पूल का पानी आपकी नाक में चला जाता है तो यह अमीबा नाक के जरिए आपके शरीर में प्रवेश करता है और वहां से दिमाग तक पहुंचता है. इसके बाद यह धीरे-धीरे दिमाग की कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देता है. इसके कारण दिमाग में सूजन आने लगती है और जान को खतरा पैदा होने लगता है.
लक्षणों को पहचाने, जल्दी इलाज लें
तेज सिरदर्द, बुखार, मतली, उल्टी, मानसिक स्थिति में यदि हाल ही में बदलाव या दौरे जैसे लक्षण महसूस कर रहे है तो तुरंत चिकित्सीय सलाह ले. यह बीमारी बहुत तेजी से गंभीर हो सकती है, इसलिए जल्दी इलाज बहुत जरूरी है.
बचाव है जरूरी
हालांकि ये बीमारी बहुत आम नहीं है, लेकिन थोड़ा सा सावधानी रखकर इससे बचा जा सकता है:
गंदे या दूषित पानी में तैराकी न करें.
नाक में किसी तरह का संक्रमण होने पर साफ पानी का इस्तेमाल करें.
स्विमिंग पूल के साफ-सुथरे होने की पुष्टि करें.
अगर आपको इस बारे में और जानकारी लेनी है तो अपने डॉक्टर से जरूर बात करें. याद रखें, घबराने की जरूरत नहीं है, बस थोड़ी सी सावधानी से आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं!
सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें