Bournvita:uses,side effects and benifits क्या "बॉर्नविटा" हैं सेहत के लिए ठीक?
बॉर्नविटा (BOURNVITA)का नाम ना सुना हो ऐसा कोई ही होगा! बॉर्नविटा को देशभर मे बच्चो का हेल्थ ड्रिंक कहा जाता हैँ! बच्चो का यह पसंदीदा ड्रिंक मना जाता हैँ! वैसे तो बोर्नविटा का कोई साइड इडेक्ट नाही हैँ लेकिन कोई भी चीज का ज्यादा इस्तेमाल हानिकारक होता है!
बॉर्नविटा (BOURNVITA)का नाम ना सुना हो ऐसा कोई ही होगा! बॉर्नविटा को देशभर मे बच्चो का हेल्थ ड्रिंक कहा जाता हैँ! बच्चो का यह पसंदीदा ड्रिंक मना जाता हैँ! वैसे तो बोर्नविटा का कोई साइड इडेक्ट नाही हैँ लेकिन कोई भी चीज का ज्यादा इस्तेमाल हानिकारक होता है!
बॉर्नविटा (bornvita uses) का सेवन बच्चों के लिए दूध पिने की रूचि बढ़ाने के लिए होता हैँ। इसके साथ ही यह दावा करती हैँ की इसके सेवन से बच्चों की हड्डिया मजबूत होती हैँ। Bournvita एक पोषक स्वस्थ पेय हैँ जो विशेष रूप से 2 से 5 साल की उम्र के बच्चों केलिए तैयार किया गया हैँ. इसमे न्यूट्री-स्मार्ट DHA शामिल हैँ, जो मशतीशक के विकास मे मदत करता हैँ और बच्चों के विकास को बढ़ावा देता है!
Bournvita का इस्तेमाल कैसे करें?
ournvita खासकर 2 से 5 पांच साल के बच्चों के लिए बना हैं। इसका इस्तेमाल 2 साल के बच्चों के लिए 1 कप दूध मे 10 ग्राम बॉर्नविटा 3 साल के बच्चों के लिए 20 ग्राम बॉर्नविटा का डोज़ बताया गया हैं।
शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ भुमेश त्यागी का कहना है कि Bournvita समेत मार्केट में बिकने वाले ऐसे ड्रिंक सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसकी वजह इन ड्रिंक्स में पाया जाने वाला हाई शुगर कंटेंट और दूसरे कई तरह के पदार्थ हैं। बॉर्नविटा समेत ऐसे ड्रिंक्स में चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इनमें आर्टिफिशियल फ्लेवर्स मिलाएं जाते हैं और कई तरह के अनहेल्दी इंग्रीडिएंट्स शामिल किए जाते हैं। इन ड्रिंक्स में न्यूट्रिशयन कम होते हैं और शुगर ज्यादा होती है। हालांकि इंग्रीडिएंट्स अलग-अलग ब्रांड के हिसाब से अलग हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर ड्रिंक्स में चीनी, कोको पाउडर, पाम ऑयल और मेल्ड किए गए एक्सट्रैक्ट्स शामिल होते हैं।
Image Source : India TvBournvita Ingredients
Bournvita जैसे ड्रिंक पीने से नुकसान
इन ड्रिक्स को लगातार और लंबे समय तक पीने से कई तरह की समस्याएं बच्चों में हो सकती हैं। जिसमें मोटापा, दांतों का खराब होना, क्रोनिक डिजीज का बढना, डायबिटीज का खतरा, दिमाग का सही विकास नहीं होना, फैटी लिवर की समस्या और इन प्रोडक्ट की लत लग जाने की समस्या हो सकती है।
भारत में कब आया बॉर्नविटा
आजादी के अगले साल यानि 1948 में बॉर्नविटा को भारत में पहली बार लॉन्च किया गया था। इस वक्त रविन्द्रनाथ टैगोर ने पहली बार बॉर्नविटा का एक एड किया था। बॉर्नविटा के ऐसे एड्स बनाए गए जिसमें टेस्ट, हेल्थ, इंटेलीजेंस और कंप्लीट फूड का दावा किया गया। इन्हीं एड्स को देखकर हर माता पिता को लगने लगा कि इससे अच्छा कोई और हेल्थ ड्रिंक उनके बच्चे के लिए हो ही नहीं सकता।
बॉर्नविटा ने कम कर दी है शुगर की मात्रा
पिछले साल भी बॉर्नविटा को लेकर एक शिकायत मिली थी, जिसके बाद कंपनी ने बॉर्नविटा में एडेड शुगर की मात्रा को कम कर दिया था। पहले बॉर्नविटा के 100 ग्राम में 37.4 ग्राम शुगर थी लेकिन शिकायत के बाद चीनी की मात्रा को घटाकर 32.2 ग्राम कर दिया है। हालांकि इतनी चीनी की मात्रा भी बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक है।
बच्चों को पिलाएं घर में बने ड्रिक्स
डॉ भुमेश त्यागी का कहना है कि बच्चों के सही शारीरिक और दिमागी विकास के लिए उन्हें इस तरह के मीठे और सिर्फ प्रिजर्वेटिव वाले ड्रिक्स पिलाने की बजाए आप घर में तैयार किए ताजा फलों के जूस, ड्राई फ्रूट्स, फल, सीड्स, हरी सब्जियां, घी और साबुत अनाज खिलाएं। आप चाहें तो ड्राईफ्रूट्स का पाउडर बनाकर बच्चों के दूध में मिलाकर दे सकते हैं। मखाना, मूंगफली, बादाम और अखरोट को पीसकर बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर बना सकते हैं।